जैसे ही घर पर टीवी चैनल पर लॉकडाउन की खबर सुनी, मन बैचेनी से भरा। जैसे ही घर पर टीवी चैनल पर लॉकडाउन की खबर सुनी, मन बैचेनी से भरा।
यह कहानी समाज में चल रहे आडंबर को दर्शाती है। यह कहानी समाज में चल रहे आडंबर को दर्शाती है।
अविनाश वहाँ ठीक नहीं है। लेकिन वह ज़िद करके गया था, इसीलिए वापस नहीं आ रहा है अविनाश वहाँ ठीक नहीं है। लेकिन वह ज़िद करके गया था, इसीलिए वापस नहीं आ रहा है
एक अच्छी सोच समाज का उद्धार कर सकती है। एक अच्छी सोच समाज का उद्धार कर सकती है।
कौन कब और किसके मन को छू लेगा। कौन कब और किसके मन को छू लेगा।
कक्षा के बच्चों ने मुझे चिढ़ाना भी छोड़ दिया और धीरे-धीरे सभी मेरे अच्छे मित्र बन गए। कक्षा के बच्चों ने मुझे चिढ़ाना भी छोड़ दिया और धीरे-धीरे सभी मेरे अच्छे मित्र बन ...